अयोध्या प्रसाद खत्री-स्मारक ग्रंथ (Ayodhyaprasad Khatri Smark Granth) [Hardcover](Hardcover, शिवपूजन शाय (Shivpujan Sahay)) | Zipri.in
अयोध्या प्रसाद खत्री-स्मारक ग्रंथ (Ayodhyaprasad Khatri Smark Granth) [Hardcover](Hardcover, शिवपूजन शाय (Shivpujan Sahay))

अयोध्या प्रसाद खत्री-स्मारक ग्रंथ (Ayodhyaprasad Khatri Smark Granth) [Hardcover](Hardcover, शिवपूजन शाय (Shivpujan Sahay))

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These are reprint editions reprinted with the help of original book just to give the original look and feel we do not change its format and text due to which in some cases the text is not like new. किताब के बारे में: अयोध्या प्रसाद खत्री‑स्मारक ग्रंथ ;आचार्य शिवपूजन सहाय द्वारा संपादितद्ध अयोध्या प्रसाद खत्री कृ हिन्दी खड़ी बोली के अग्रदूत और प्रखंड उपाधीकारी को समर्पित एक समर्पित स्मारक.संग्रह है। इसमें उनकी जीवन.यात्राए रचनात्मक योगदानए खड़ी बोली के विकास में उनका महत्व और उनके द्वारा सामाजिक.साहित्यिक रूपांतरण की जानकारी संकलित है। शिवपूजन सहाय ने इस ग्रंथ में लेखए संस्मरण और आलोचनाएँ शामिल कींए जो खत्री के विचारोंए कविताओं और भाषा.प्रसार कार्य की विस्तृत झलक देती हैं । यह संग्रह हिंदी नवजागरण में खड़ी बोली आंदोलन और बिहार में हिंदी प्रोत्साहन की विरासत को संरक्षित करता हैए और दोनों लेखकों के बीच की वैचारिक साझेदारी उजागर करता है लेखक के बारे में: आचार्य शिवपूजन सहाय (1893-1963) बिहार के सुप्रसिद्ध हिंदी उपन्यासकारए कहानीकारए संपादक और पत्रकार थे। उन्होंने श्देहाती दुनियाश् ;1926द्धए श्विभूतिश् ;1935द्धए श्वे दिन वे लोगश्ए श्बिम्बरू प्रतिबिंबश्ए श्मेरा जीवनश् और श्स्मृतिशेषश् जैसी गद्य कृतियाँ लिखीं । उनकी विशेषता सहजए उर्दू.प्रभावित भाषाए लोकधुनों और अलंकारयुक्त गद्य में निहित ओज था पत्रकारिता में भी उन्होंने श्मारवाड़ी सुधारश्ए श्मतवालाश्ए श्माधुरीश्ए श्जागरणश्ए श्हिमालयश् आदि पत्रिकाओं का संपादन किया । स्वतंत्रता आंदोलन से प्रेरित होकर उन्होंने सरकारी नौकरी त्यागकर साहित्यिक पत्रकारिता अपनाई । 1950 से 1959 तक बिहार राष्ट्रभाषा परिषद के निदेशक रहे और 50 से अधिक संदर्भग्रंथ संपादित किए । 1960 में पद्म भूषण से सम्मानित किये गए । ष्बिहार की महिलाएँष् जैसे सामाजिक.सांस्कृतिक ग्रंथों के सम्पादक के रूप में भी उन्होंने उल्लेखनीय योगदान दिया। समग्र रूप सेए शिवपूजन सहाय का जीवन हिंदी भाषाए गाँव‑समाज और पत्रकारिता के प्रति समर्पित था। The Title 'अयोध्या प्रसाद खत्री-स्मारक ग्रंथ (Ayodhyaprasad Khatri Smark Granth) written/authored/edited by शिवपूजन शाय (Shivpujan Sahay)', published in the year 1888. The ISBN 9789372257618 is assigned to the Hardcover version of this title.